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Navratri 2025: 9 दिन की पूजा विधि, कलश स्थापना मुहूर्त

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भारत में नवरात्रि का त्योहार शक्ति की उपासना का प्रतीक है। साल में चार बार नवरात्रि आती है, जिनमें से चैत्र और शारदीय नवरात्रि का विशेष महत्व होता है। नवरात्रि 2025 में माता दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है। भक्तजन इस दौरान व्रत रखते हैं, कलश स्थापना करते हैं और माता को प्रसन्न करने के लिए विशेष विधि से पूजन करते हैं।

आइए जानते हैं नवरात्रि 2025 की तिथियां, कलश स्थापना मुहूर्त और नौ दिन की पूजा विधि विस्तार से।


📅 नवरात्रि 2025 की तिथियां

  • प्रारंभ तिथि: बुधवार, 24 सितंबर 2025
  • समापन तिथि: गुरुवार, 2 अक्टूबर 2025
  • अष्टमी (दुर्गा अष्टमी): 1 अक्टूबर 2025
  • महानवमी: 2 अक्टूबर 2025

🌿 कलश स्थापना (घटस्थापना) मुहूर्त 2025

  • तिथि: 24 सितंबर 2025
  • शुभ मुहूर्त: प्रातः 06:15 बजे से 08:45 बजे तक (लगभग 2 घंटे 30 मिनट)
  • अभिजीत मुहूर्त (वैकल्पिक): 11:50 से 12:35 बजे तक

कलश स्थापना विधि:

  1. पूजा स्थान को साफ़ करके माँ दुर्गा की तस्वीर या मूर्ति स्थापित करें।
  2. मिट्टी के बर्तन में जौ बोएं।
  3. कलश में जल भरें, आम्रपल्लव (आम के पत्ते) लगाएँ और नारियल रखें।
  4. कलश पर स्वास्तिक का चिन्ह बनाकर लाल चुनरी से सजाएँ।
  5. माँ दुर्गा का आह्वान करें और “ॐ दुं दुर्गायै नमः” मंत्र का जाप करें।

नवरात्रि 9 दिन की पूजा विधि

दिन 1 – शैलपुत्री माता

  • पूजा में देसी घी का प्रयोग करें।
  • इससे स्वास्थ्य लाभ और सुख-समृद्धि मिलती है।

दिन 2 – ब्रह्मचारिणी माता

  • चीनी या मिश्री का भोग लगाएँ।
  • इससे दीर्घायु और शांति प्राप्त होती है।

दिन 3 – चंद्रघंटा माता

  • दूध या दूध से बनी मिठाई का भोग लगाएँ।
  • भय और रोग दूर होते हैं।

दिन 4 – कूष्मांडा माता

  • मालपुआ का भोग अर्पित करें।
  • बुद्धि और निर्णय शक्ति बढ़ती है।

दिन 5 – स्कंदमाता

  • केले का भोग लगाएँ।
  • संतान सुख और परिवार में सुख-शांति मिलती है।

दिन 6 – कात्यायनी माता

  • शहद का भोग लगाएँ।
  • विवाह योग और प्रेम संबंध मजबूत होते हैं।

दिन 7 – कालरात्रि माता

  • गुड़ और प्रसाद में सरसों के तेल का दीप जलाएँ।
  • शत्रु नाश और सुरक्षा मिलती है।

दिन 8 – महागौरी माता (अष्टमी)

  • नारियल और हलवे का भोग लगाएँ।
  • पवित्रता और उन्नति प्राप्त होती है।

दिन 9 – सिद्धिदात्री माता (नवमी)

  • तिल और मिठाई का भोग लगाएँ।
  • सिद्धि और मोक्ष की प्राप्ति होती है।

🌟 नवरात्रि का ज्योतिषीय महत्व

  • नवरात्रि में नवरात्रि व्रत और पूजा करने से ग्रह दोष शांति मिलती है।
  • जिनकी कुंडली में मंगल दोष, राहु-केतु दोष या शनि की बाधा हो, वे नवरात्रि में विशेष पूजा करके राहत पा सकते हैं।
  • इस समय जप, ध्यान और मंत्र साधना करने से इच्छित फल प्राप्त होते हैं।

🍚 नवरात्रि के दौरान किए जाने वाले उपाय

  • नवरात्रि में दुर्गा सप्तशती का पाठ करें।
  • जरूरतमंदों को भोजन और वस्त्र दान करें।
  • घर में लाल चुनरी और नारियल रखकर माता की कृपा प्राप्त करें।
  • कन्या पूजन (अष्टमी और नवमी) करके उन्हें भोजन कराएँ और उपहार दें।

निष्कर्ष

नवरात्रि 2025 शक्ति उपासना का सर्वोत्तम समय है। 9 दिनों की भक्ति से जीवन में शांति, समृद्धि और सफलता प्राप्त होती है।
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